हिंदी में यात्रा वृतांत एक आधुनिक गध विधा के रूप में स्वीकृत है| भारतेंदु युग में स्वयं भारतेंदु ने विभिन्न स्थलों की यात्रा की और अपने अनुभवों को साझा किया|जैसे- यात्रा वृतांत के रूप में उनके कुछ संस्मरण है- सरयू पार की यात्रा, लखनऊ की यात्रा, हरिद्वार की यात्रा|भारतेंदु युग में ही कुछ लेखकों के द्वारा विदेश यात्रा के वृतांत भी लिखे गए|इसी प्रकार द्विवेदी युग में भी विभिन्न यात्रा वृतांत लिखे गए श्रीधर पाठक की देहरादून ,शिमला यात्रा |स्वामी सत्यदेव परिव्राजक की "मेरी कैलाश यात्रा" अमेरिका भ्रमण आदि |सबसे महत्वपूर्ण यात्रा वृतांत लेखक राहुल सांकृत्यायन माने जाते हैं उन्होंने विभिन्न देशों की यात्रा की ओर यात्रा में आने वाली कहानियों को बताने के साथ-साथ उस स्थान विशेष कि प्राकृतिक संपदा , सांस्कृतिक तथा ऐतिहासिक घटनाओं को भी बारी बारी से प्रस्तुत किया जैसे-किन्नर देश में, दार्जिलिंग परिचय, यात्रा के पन्ने आदि|बाद में चलकर अज्ञेय ने अपनी यात्रा वृतांत के द्वारा विदेशी अनुभवों को भी एक भी एक कहानीकार की रोचकता और यात्री के रोमांचक के साथ प्रस्तुत किया है|"एक बूंद सहसा उछली" में यूरोप और अमेरिका की यात्राओं को प्रस्तुत किया है|मोहन राकेश ने अपनी यात्रा वृतांत "आखिरी चट्टान" में दक्षिण भारत की यात्राओं का वर्णन किया है|निर्मल वर्मा ने" चिडो पर चांदनी" नामक यात्रा वृतांत में अपने यूरोप यात्रा का वर्णन किया है|इस यात्रा वृतांग में वे वहां की इतिहास, दर्शन और संस्कृति से सीधा संवाद करते हैं|उनके यात्रा में संवेदनशीलता के साथ साथ बौद्धिक गहराई का भी अनुभव होता है |
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यात्रा वृतांत किसे कहते है
हिंदी में यात्रा वृतांत एक आधुनिक गध विधा के रूप में स्वीकृत है| भारतेंदु युग में स्वयं भारतेंदु ने विभिन्न स्थलों की यात्रा की और अपने अनुभवों को साझा किया|जैसे- यात्रा वृतांत के रूप में उनके कुछ संस्मरण है- सरयू पार की यात्रा, लखनऊ की यात्रा, हरिद्वार की यात्रा|भारतेंदु युग में ही कुछ लेखकों के द्वारा विदेश यात्रा के वृतांत भी लिखे गए|इसी प्रकार द्विवेदी युग में भी विभिन्न यात्रा वृतांत लिखे गए श्रीधर पाठक की देहरादून ,शिमला यात्रा |स्वामी सत्यदेव परिव्राजक की "मेरी कैलाश यात्रा" अमेरिका भ्रमण आदि |सबसे महत्वपूर्ण यात्रा वृतांत लेखक राहुल सांकृत्यायन माने जाते हैं उन्होंने विभिन्न देशों की यात्रा की ओर यात्रा में आने वाली कहानियों को बताने के साथ-साथ उस स्थान विशेष कि प्राकृतिक संपदा , सांस्कृतिक तथा ऐतिहासिक घटनाओं को भी बारी बारी से प्रस्तुत किया जैसे-किन्नर देश में, दार्जिलिंग परिचय, यात्रा के पन्ने आदि|बाद में चलकर अज्ञेय ने अपनी यात्रा वृतांत के द्वारा विदेशी अनुभवों को भी एक भी एक कहानीकार की रोचकता और यात्री के रोमांचक के साथ प्रस्तुत किया है|"एक बूंद सहसा उछली" में यूरोप और अमेरिका की यात्राओं को प्रस्तुत किया है|मोहन राकेश ने अपनी यात्रा वृतांत "आखिरी चट्टान" में दक्षिण भारत की यात्राओं का वर्णन किया है|निर्मल वर्मा ने" चिडो पर चांदनी" नामक यात्रा वृतांत में अपने यूरोप यात्रा का वर्णन किया है|इस यात्रा वृतांग में वे वहां की इतिहास, दर्शन और संस्कृति से सीधा संवाद करते हैं|उनके यात्रा में संवेदनशीलता के साथ साथ बौद्धिक गहराई का भी अनुभव होता है |
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Thanks
ReplyDeleteसंक्षिप्त एवं सारगर्भित 👌
ReplyDelete👌👌👌
ReplyDeleteThank you
ReplyDeleteGreat 👍
ReplyDeleteThanks a lot I have assignment on this topic it will help me a lot 😃 thanks again a lot
ReplyDeleteThanks
ReplyDeleteThanks you so much
ReplyDeleteThank you
ReplyDeleteDHNAYBAD ❤🙏 VERY HELPFUL TOPIC
ReplyDeleteThank you
ReplyDeleteआपका बहुत बहुत आभार है आपने इतनी सुंदरता से यात्रावृतांत का वर्णन किया।
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