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साक्षात्कार क्या है

साक्षात्कार को अंग्रेजी में इंटरव्यू कहा जाता है |और साक्षात्कार भी हिंदी साहित्य की एक नवीन गध विधा है|इसका एक अन्य नाम  भेंट वार्ता भी है| यह भी पत्रकारिता से जुड़ी है, पर समय के साथ  साहित्य में भी अपना स्थान बना लिया है| किसी व्यक्ति विशेष से उसकी जीवनी या उसे कला ,संस्कृति ,संगीत ,रचना या उसकी खुद के द्वारा किए गए कार्य पर किया गया बातचीत साक्षात्कार है| साक्षात्कार में पाठक साक्षात्कार के माध्यम से किसी व्यक्ति विशेष से तर्क,अनुभव या विचार से जुड़ जाता है| संवाद शैली पर आधारित होने के कारण इसमें संप्रेषण का संभावना अधिक होती है|इस विधा का शुरुआत भारतेंदु युग से हो जाता है| राधाचरण गोस्वामी ने भारतेंदु से कुछ प्रश्न पूछे और उन प्रश्नों के उत्तर को प्रकाशित किया गया था बनारसी दास चतुर्वेदी द्वारा लिए गए दो साक्षात्कार रत्नाकर जी के साथ "बातचीत"और प्रेमचंद के साथ "दो दिन" विशाल भारत नाम पत्रिका में प्रकाशित हुए थे|प्रभाकर माधवे ने जैनेंद्र कुमार तथा रामचंद्र शुक्ल के साक्षात्कार लिए और यह साक्षात्कार जैनेंद्र की विचार नामक पुस्तक से प्रकाशित की गई| इसी पुस्तक में श्रीकांत शर्मा ने महत्वपूर्ण कवि या साहित्यकारों के जो साक्षात्कार लिए वे २० वी शताब्दी के अंधेरे में संकलित है| नामवर सिंह और रामविलास शर्मा के साक्षात्कार भी विभिन्न पत्र -पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए थे |

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