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आत्मकथा क्या है


यह गध विधा आधुनिक काल की ऐसी गध विधा है| जिसमें लेखक अपने स्वयं को जीवनी को ही लिखता है| इसमें लेखक रचनाकार भी होता है और नायक भी और खुद  के अनुभव को कथा के रूप में प्रस्तुत करता है| आत्मकथा की सबसे बड़ी चुनौती  तटस्थता  एवं निरपेक्ष रहना होता है| आत्मकथा लेखक के लिए सबसे बड़ी शर्त यह होती है, कि वह एक ऐसी आलोचना दृष्टि का विकास करें जिससे वह आपने प्रशंसा के भाव से बच कर अपने जीवन के अनुभव से दूसरे को भी परिचित करा सके आत्मकथा की शुरुआत हिंदी साहित्य में बनारसी दास द्वारा लिखे गए अर्थकथा द्वारा मानी जाती है|

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