यह गध विधा आधुनिक काल की ऐसी गध विधा है| जिसमें लेखक अपने स्वयं को जीवनी को ही लिखता है| इसमें लेखक रचनाकार भी होता है और नायक भी और खुद के अनुभव को कथा के रूप में प्रस्तुत करता है| आत्मकथा की सबसे बड़ी चुनौती तटस्थता एवं निरपेक्ष रहना होता है| आत्मकथा लेखक के लिए सबसे बड़ी शर्त यह होती है, कि वह एक ऐसी आलोचना दृष्टि का विकास करें जिससे वह आपने प्रशंसा के भाव से बच कर अपने जीवन के अनुभव से दूसरे को भी परिचित करा सके आत्मकथा की शुरुआत हिंदी साहित्य में बनारसी दास द्वारा लिखे गए अर्थकथा द्वारा मानी जाती है|
यह हिंदी साहित्य का ब्लॉग है। जो की यूपीएससी के वैकल्पिक विषय हिंदी साहित्य के सिलेबस पर आधारित है। जो विद्यार्थी यूपीएससी की तैयारी कर रहे हैं तथा जो वैकल्पिक विषय के रूप में हिंदी साहित्य रखते है, उन सभी विद्यार्थियों के लिए उपयोगी सिद्ध होगा। धन्यवाद
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आलोचना को परिभाषित करें
आलोचना का तात्पर्य है, किसी वस्तु, रचना या कृति का मूल्यांकन करना| किसी भी रचना को समझने के लिए आलोचना को समझना आवश्यक है| बिना आलोचना...
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यह साहित्य की वह विधा है जिसमें लेखक किसी स्थान की यात्रा का वर्णन करता है |और यह वर्णन रोचक होता है| वर्णन के दौरान लेखक किसी स्थान के इ...
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आलोचना की शुरुआत वास्तविक तौर से आधुनिक या भारतेंदु युग से माना जाता है| यही वह समय है,जब साहित्य में विभिन्न विधाओं का जन्म हो रहा है| आल...
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हिंदी साहित्य में विधाओं को ज्ञान इंद्रियों के द्वारा ग्रहण करने के आधार पर दो रूपों में विभाजित किया जाता है श्रव्य तथा दृश्य। ऐसी विधा ...
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